Saturday, November 29, 2014

एक आदमी को पत्नी के साथ मारपीट करने के
जुर्म में अदालत में पेश किया गया.
जज ने पति की जबानी पूरी घटना ध्यान से
सुनी और भविष्य में अच्छा व्यवहार करने
की चेतावनी देकर छोड़ दिया.
अगले ही दिन आदमी ने पत्नी को फिर
मारा और फिर अदालत में पेश किया गया.
जज ने कड़क कर पूछा –
“तुम्हारी दुबारा ऐसा करने की हिम्मत कैसे
हुई ?
अदालत को मजाक समझते हो ?”
आदमी ने अपनी सफाई में जज को बताया –
नहीं हुजूर, आप मेरी पूरी बात सुन लीजिए.
कल जब आपने मुझे छोड़ दिया तो अपने-
आपको रिफ्रेश करने के लिए मैंने
थोड़ी सी शराब पी ली. जब उससे कोई फर्क
नहीं पड़ा तो थोड़ी-थोड़ी करके मैं
पूरी बोतल
पी गया.
पीने के बाद जब मैं घर
पहुंचा तो पत्नी चिल्ला कर बोली –
“हरामी, आ गया नाली का पानी पीकर !”
हुजूर, मैंने चुपचाप सुन लिया, और कुछ नहीं कहा.
फिर वह बोली – “कमीने, कुछ
काम धंधा भी किया कर या केवल पैसे बर्बाद
करने का ही ठेका ले रखा है … !”
हुजूर, मैंने फिर भी कुछ नहीं कहा और सोने के
लिए अपने कमरे में जाने लगा.
वह पीछे से फिर चिल्लाई – “अगर उस जज में
थोड़ी सी भी अकल होती तो तू आज जेल में
होता … !!!”
बस हुजूर, अदालत की तौहीन मुझसे बर्दाश्त
नहीं हुई ….और.....
.!!
केस ख़ारिज..
पति बा'इज्ज़त बरी.....!
(¯`v´¯)
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